साहित्य परिक्रमा
साहित्य परिक्रमा का परिचय
भारतीय साहित्य परिषद् द्वारा सन् 1998 से “साहित्य परिक्रमा” का नियमित प्रकाशन किया जा रहा है। साहित्य के क्षेत्र में वैचारिक वातावरण निर्मित करने और अपेक्षित परिवर्तन को साकार करने में साहित्य परिक्रमा की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह त्रैमासिक हिन्दी पत्रिका देश में सांस्कृति एवं राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने के साथ ही परिषद् की गतिविधियों के समाचारों को प्रकाशित करने का प्रमुख माध्यम है। परिषद् के कार्यकर्ताओं की साहित्यिक दृष्टि के उन्नयन हेतु कविता, कहानी, यात्रा वृत्तान्त, व्यंग्य, ललित निबन्ध आदि विधाओं का उत्कृष्ट रचनात्मक साहित्य इसने नियमित प्रकाशित किया जाता हैं। राष्ट्रीय चेतना के पुरोधा साहित्यकारों के साक्षात्कार भी प्रकाशित होते रहते हैं। इसका पंजीयन क्रमांक—
“आर.एन.आई.–एम.पी.एच.आई.एन/2000/0361” है।
साहित्य परिक्रमा के प्रारंभिक संपादक डॉ योगेन्द्र गोस्वामी और प्रबंध संपादक जीतसिंह जीत थे। इन दोनों महानुभावों ने अत्यन्त परिश्रम और निष्ठा से इसका संपादन करते हुए साहित्य परिक्रमा को न केवल एक सुसज्जित रूपाकार दिया, अपितु इसे नियमित भी किया।
वर्तमान में पत्रिका का शुल्क 25 रुपए प्रति अंक एवं 100 रुपए वार्षिक है। आजीवन सदस्यता शुल्क 1000 रुपए है। वहीं संस्थाओं के लिए वार्षिक सदस्यता शुल्क 200 रुपए और आजीवन सदस्यता शुल्क 2000 रुपए है। प्रख्यात कवि एवं आलोचक डॉक्टर इंदुशेखर तत्पुरुष इसके संपादक हैं। साहित्य परिक्रमा का मुद्रण ग्वालियर से होता है और परिषद् के अखिल भारतीय संगठन मंत्री श्री श्रीधर पराड़कर जी इसका संपूर्ण प्रबंधन देखते हैं। श्रीधर पराड़कर राष्ट्रोत्थान भवन, माधव महाविद्यालय के सामने, नई सड़क, ग्वालियर 474001इसकी लगभग तीन हजार प्रतियाँ छपती हैं जो ग्वालियर से भारतीय डाक विभाग द्वारा देशभर में पहुंचाई जाती है।
वर्षभर में चार नियमित अंकों के अतिरिक्त साहित्य परिक्रमा के विशेषांक भी निकाले जाते हैं।
साहित्य परिक्रमा यद्यपि हिन्दी भाषा की पत्रिका है तथापि यह भारत की प्रत्येक भाषा राष्ट्रभाषा है इस सिद्धांत को स्वीकार करती है। अतः यह प्रयास रहता है कि हिंदीतर भाषाक्षेत्र के लोगों द्वारा लिखा कम से कम एक लेख इसके अंक में ले लिया जाए। भारत की अन्य भाषाओं से हिन्दी में अनूदित रचनाएं भी इसमें छापी जाती हैं। अब तक जिन सात आंचलिक भाषाओं पर केंद्रित विशेषांक प्रकाशित किए गए हैं, वे हैं गुजराती, उड़िया, हिमाचली, पंजाबी, बुंदेलखंडी, राजस्थानी और बांग्ला।
विगत वर्षों में “साहित्य का प्रदेय” विषय पर केन्द्रित सोलहवां राष्ट्रीय अधिवेशन विशेषांक दिसंबर २०२१,
“मेरे सपनों का भारत” विषय पर केंद्रित अमृत महोत्सव विशेषांक– जनवरी २०२३, १२वाँ विश्व हिंदी सम्मेलन, फ़िजी विशेषांक– जुलाई २०२३, तथा “राम मन्दिर से राष्ट्र मन्दिर” विशेषांक, मार्च२०२४ भी विशेष रूप से उल्लेखनीय रहे।
पत्रिका प्राप्ति एवं पत्र व्यवहार हेतु पता–
श्रीधर पराड़कर, राष्ट्रोत्थान भवन, माधव महाविद्यालय के सामने, नई सड़क, ग्वालियर –474001
संपादक का पता–
इंदुशेखर तत्पुरुष, सूर्योदय, 38आनन्द नगर, सिरसी रोड, जयपुर –302012
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