अखिल भारतीय साहित्य परिषद्

प्रकाशन

​प्रमुख उद्बोधन

शोध कार्य को प्रोत्साहन, नये-नये विषयों पर चर्चा, सत्-साहित्य का लेखन, लेखकों को सकारात्मक साहित्य के लेखन के प्रेरित करने और अच्छे साहित्य के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य की पूर्ति के लिये परिषद् ने प्रकाशन का कार्य हाथ में लिया है। लेखक को आत्मसंतुष्टि तभी मिलती है, जब उसकी रचना प्रकाशित होकर सुधी पाठकों के हाथ में जाती है। लेखन का उद्देश्य भी तभी पूर्ण होता है जब रचना पाठक के हाथ में पहुँचती है और सराहना पाती है।

अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के प्रकाशन को आई.एस.बी.एन. क्रमांक प्राप्त है। इससे पुस्तकों की विश्वसनीयता व महत्व बढ़ गया है।

साहित्य परिषद् चुने हुए विषयों को लेकर साहित्य प्रकाशित करने में अग्रसर है। राष्ट्रीय संगोष्ठी के विषय पर विद्वानों एवं साहित्यकारों से प्राप्त शोध आलेखों के प्रकाशन का कार्य भी गति पकड़ रहा है। इस क्रम में सम्पन्न हुई अब तक की संगोष्ठियों के अवसर पर प्राप्त शोध आलेखों के निम्नलिखित संग्रह प्रकाशित किये जा चुके हैं | 

​शोध आलेख संग्रह

भारतीय साहित्य का राष्ट्रीय स्वर
भारतीय नाट्य रंग
राष्ट्रीय अस्मिता और साहित्य
भारतीय साहित्य और कुटुम्ब
ऐतिहासिक उपन्यासों से समाज जागृती
संतों का साहित्यिक अवदान
बांग्ला साहित्य का भारतीय साहित्य पर प्रभाव
नवलेखन की चुनौतियां
भारतीय साहित्य में शौर्य भाव
पूर्वोत्तर का लोक साहित्य
शिवोभूत्वा शिवं यजेत्
युगयुगीन नर्मदा
पूर्वोत्तर का भक्ति साहित्य
राम वनगमन की साहित्यिक निष्पत्ति
दक्षिण भारत का लोक साहित्य
गीता भाष्यों में निहित संदेश
भारतीय साहित्य और भाषा की एकात्मकता
लोकोक्तियां और मुहावरें
भारतीय यात्रा साहित्य
दक्षिण भारतीय साहित्य और स्वतंत्रता आंदोलन
साहित्य और सामाजिक समरसता
साहित्य और लोक-जीवन में हिमालय
साहित्य का धर्म
भारतीय रामकथा साहित्य का स्वरुप विकास

यात्रा साहित्य पर प्रकाशित पुस्तकें

देशान्तर (श्रीलंका व ब्रिटेन यात्रावृत्त)
हाॅफलांग-अंदमान यात्रावृत्त
जौनसार-झाबुआ यात्रावृत्त
देस-परदेस
साहित्य संवर्धन यात्रा

वैचारिक पुस्तकें

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और साहित्य
हमारी भाषाएँ
हमारे साहित्यकार
अखिल भारतीय साहित्य परिषद् का इतिहास

शोध आलेखों का पत्रिका विशेषांक

भविष्य का बाल साहित्य
साहित्यकारों के पत्रों का अन्तर्निहित संदेश
साहित्य में हास्य व्यंग्य की दशा और दिशा
विवेकानन्द के विचारों का भारतीय साहित्य पर प्रभाव
साहित्य में सामाजिक समरसता
कथा साहित्य का योगदान
आंचलिक साहित्य का महत्व
स्त्री संत भक्ति धारा
संतो का साहित्यिक अवदान
राष्ट्रीय अस्मिता और साहित्य
विभाजन का दंश झेलती भारतीय भाषाएं
भारतीय साहित्य का राष्ट्रीय स्वर
भारतीय नाट्यशास्त्र
संस्कृति को अनुप्राणित करती लोक चेतना
भावरूप राम
नारी विमर्श
साहित्यिक पत्रिकाओं का योगदान
साहित्य का सामर्थ्य
श्रीधर पराड़कर

परिषद से जुड़े लेखक

शरद जोशी व्यंग्य के आर-पार
नीर-क्षीर (पुस्तक समीक्षा)
आसपास की
साहित्यकार (पता निर्देशिका)
भक्तकवि रसखान - एक अध्ययन
बकरी माता (कहानी संग्रह)
धार की रानी जीजाबाई (नाटक)
भागोरिया (नाटक)